जौदपुर बलात्कारी बापू और पिताजी की असलियत राजनीतिक नेता इन्हें खड़ा करते हैं
जोधपुर की अदालत ने आसाराम को एक बलात्कार के जुर्म में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई।
पिछले साल अगस्त में एक और " पिताजी"के भेष में बलात्कारी गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने बलात्कार के जुर्म में 20 साल की सजा सुनाई थी।
अब एक सवाल इस तरह के बाबा बनते हैं या बनाए जाते हैं ?
आसाराम के अनुयायियों में अटल बिहारी बाजपई , आडवाणी , गतकारी तो कांग्रेसी नेताओं में दिग्विजयसिंह और कमल नाथ भी शामिल रहें हैं । खुद करोड़ो भक्त बनाने वाले मोदी जी भी इनके परमभक्त रह चुके हैं।
इसी तरह गुरमीत राम रहीम के भी हरयाणा सरकार से संबंध किसी से छिपे नही हैं
ऐसे लोगो को सरकार पहले मुफ्त में ज़मीने और सम्पति देकर मालामाल करती है फिर जब इनके पीछे अंध भक्तों भी भीड़ इक्कट्ठा हो जाती है तो ये ढोंगी बाबा उस भीड़ का वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। नादान जनता पहले इन बाबाओं से ठगी जाती हैं फिर चुनाओ में राजनीतिक दलों के द्वारा बेवकूफ बनाई जाती हैं। फिर सत्ता से मिले संरक्षण का दुरुपयोग कर ये बाबा लोग सारा अनैतिक काम करते हैं। जिसमे अपने मासूम अनुयायी बच्चियों का बलात्कार भी शामिल है।
किसी व्यक्ति विशेष की चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम अंधभक्ति हमेशा नुकसानदायक साबित होती है चाहे वो गुरु आध्यात्मिक हो या राजनीतिक
ज़रा सोंचिए क्या आप भी किसी के अंधभक्त तो नही है
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जोधपुर की अदालत ने आसाराम को एक बलात्कार के जुर्म में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई।
अपने आपको बापू"कहने वाले आसाराम के एक गुरुकुल में 2008 में चार छात्रों की मौत हो गई थी जिसके लिए कला जादू के लिए हत्या का केस उस पर चल रहा है
पिछले साल अगस्त में एक और " पिताजी"के भेष में बलात्कारी गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने बलात्कार के जुर्म में 20 साल की सजा सुनाई थी।
अब एक सवाल इस तरह के बाबा बनते हैं या बनाए जाते हैं ?
- आसाराम के चार करोड़ अनुयायी 400 आश्रम और दस हज़ार करोड़ की संपत्ति , इतना बड़ा साम्राज्य क्या बिना राजनीतिक सहयोग के बन सकता है कभी भी नही
आसाराम के अनुयायियों में अटल बिहारी बाजपई , आडवाणी , गतकारी तो कांग्रेसी नेताओं में दिग्विजयसिंह और कमल नाथ भी शामिल रहें हैं । खुद करोड़ो भक्त बनाने वाले मोदी जी भी इनके परमभक्त रह चुके हैं।
इसी तरह गुरमीत राम रहीम के भी हरयाणा सरकार से संबंध किसी से छिपे नही हैं
ऐसे लोगो को सरकार पहले मुफ्त में ज़मीने और सम्पति देकर मालामाल करती है फिर जब इनके पीछे अंध भक्तों भी भीड़ इक्कट्ठा हो जाती है तो ये ढोंगी बाबा उस भीड़ का वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। नादान जनता पहले इन बाबाओं से ठगी जाती हैं फिर चुनाओ में राजनीतिक दलों के द्वारा बेवकूफ बनाई जाती हैं। फिर सत्ता से मिले संरक्षण का दुरुपयोग कर ये बाबा लोग सारा अनैतिक काम करते हैं। जिसमे अपने मासूम अनुयायी बच्चियों का बलात्कार भी शामिल है।
ईश्वर भगवान या अल्लाह की आराधना करना सही है लेकिन आस्था के नाम पर व्यक्ति की पूजा करने से ऐसे बलात्कारी और ढोंगी बाबा ही समाज मे सामने आते हैं
किसी व्यक्ति विशेष की चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम अंधभक्ति हमेशा नुकसानदायक साबित होती है चाहे वो गुरु आध्यात्मिक हो या राजनीतिक
ज़रा सोंचिए क्या आप भी किसी के अंधभक्त तो नही है
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