अनोखी मुहब्बत भाई बहन की Fakharpur News

अम्मी देख लो मैं कब से घर आया हुआ हूँ भूख से बुरा हाल है अभी तक खाना गरम करके नहीं लाई आपकी लाडली



अभी लाई भाई

ये देखो शर्ट पर हल्का सा दाग़ वैसे ही है तुम्हें तो कपड़े भी ठीक से वाश करने नहीं आते लाओ भाई मुझे दे दो दोबारा वाश कर दुंगी ये पहन लो कल ही अम्मी से नई मंगवाई है आपके लिए

उफ्फ खाने में इतनी मिर्ची पता नहीं कब खाना बनाना आएगा इस चुड़ैल को अम्मी आप खुद बना लिया करें ना ऐसा खाना मुझसे नहीं खाया जाता

अम्मी बोलीं बेटा यहां बनाना सीख जाएगी तो ससुराल में अच्छा बनाएगी इसलिए इससे बनवाती हूँ सब मतलब इसकी शादी तक बर्दाश्त करना पड़ेगा |
अम्मी मुझे घूरने लगी

अब पता ही नहीं चला कब वक्त गुज़र गया और इस चुड़ैल की शादी का दिन आ गया सुबह से ऐसा लग रहा था कुछ छिनने वाला है आज वही बहन जिससे बात बात पर लड़ता था आज जान से प्यारी लग रही थी आज सिर्फ उसकी ही फिक्र थी

फिर रुख्सती के टाईम खुद बच्चों की तरह रोता देखा  हूँ यूँ लग रहा है जैसे दुनिया लुट गई हो हर वक्त बहनों से लड़ते हैं हम मगर जब ये वक्त आता है तो लगता है जैसे  जिस्म से जान ही निकल जाती है

किसी ने सच ही कहा हैं कि कुछ रिश्तों का एहसास और उसकी क़द्र दूर होने पे ही पता चलता हैं

अल्लाह सब बहनों का और माँ बाप की बेटियों का नसीब अच्छा करे
आमीन

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Furkan S Khan

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