आसिफा हम शर्मिंदा हैं..
जम्मू कश्मीर के कठुआ में एक 8 साल की बच्ची को अगवा कर बलात्कार किया गया , जानते हैं क्यों .......क्यों कि वो मासूम बच्ची जिस खानाबदोश जनजाति से आती थी उनलोगों में डर पैदा करने के लिए ताकि वो लोग उस इलाके को छोड़ कर चले जाएं....
आसिफा हम शर्मिंदा हैं....
क्या उसके आवाज़ को हम सुन पा रहें हैं ?
उसकी वेदना को , उसकी करुणा को,
ड्रग्स के इंजेक्शन पर उसकी बेबसी को,
करेन्ट लगाने पर उसकी चित्कार को
बचाओ - बचाओ की उसकी पुकार को ....
हैवानो के द्वारा उसके शरीर को नोचने के दर्द को,
गला दबाकर की गई हत्या के तड़प को .....
आसिफा हम शर्मिंदा हैं....
मन्दिर में बेबस बच्ची सामने भगवान को देख सोंचती होगी ,किस गलती की उसे सजा मिल रही है ?
आसिफा तुम्हारी गलती सिर्फ इतनी है कि तुम्हे अल्लाह ने एक गरीब जनजाति परिवार में और वो भी लड़की पैदा किया .....इस पुरुष प्रधान समाज मे हवस मिटाने के काम भी लड़की आती है और राजनीतिक मकसद साधने के काम भी । तुम तो उन दरिदों के दोनों काम आ गई।
हम शर्मिंदा हैं आसिफा....
देखो अब उन बलात्कारियों के समर्थन में तिरंगा यात्रा तक निकल गया वो भी हिन्दू जागरण मंच के बैनर तले और बीजेपी के दो मंत्री के मौजूदगी में , ताकि चार्जशीट दाखिल न होने पाएं। यह बात कितनी घिनौनी है कि इस जघन्य अपराध को भी हिन्दू - मुस्लिम चश्मे से देखा जा रहा है।
चलो अच्छा हुआ कि तुम अल्लाह के पास वापस चली गई। क्या तुम अपने बलात्कारियों के समर्थन में तिरंगा यात्रा को देख पाती ?
मीडिया की उपेक्षा को सह पाती ?
आत्मकेंद्रित लोगो को झेल पाती ?
यहाँ की गन्दी राजनीति को समझ पाती ? और सबसे बड़ी बात धर्म के राजनीतिक इस्तेमाल को तोड़ पाती ?
शायद नही.....
चिन्ता मत करो तुम्हारे जाने के बाद भारत की बेबस जनता भी गंदी राजनीति के इस मकड़जाल से निकल नही पाएगी। क्यों कि मकड़जाल को तोड़ना ज़िन्दा लोगों का काम है यहाँ तो सिर्फ शरीर ज़िन्दा है आत्मा तो मर चुकी है।
इसलिए...हम शर्मिंदा है....आसिफा
(सोशल मीडिया पोस्ट)
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जम्मू कश्मीर के कठुआ में एक 8 साल की बच्ची को अगवा कर बलात्कार किया गया , जानते हैं क्यों .......क्यों कि वो मासूम बच्ची जिस खानाबदोश जनजाति से आती थी उनलोगों में डर पैदा करने के लिए ताकि वो लोग उस इलाके को छोड़ कर चले जाएं....
आसिफा हम शर्मिंदा हैं....
क्या उसके आवाज़ को हम सुन पा रहें हैं ?
उसकी वेदना को , उसकी करुणा को,
ड्रग्स के इंजेक्शन पर उसकी बेबसी को,
करेन्ट लगाने पर उसकी चित्कार को
बचाओ - बचाओ की उसकी पुकार को ....
हैवानो के द्वारा उसके शरीर को नोचने के दर्द को,
गला दबाकर की गई हत्या के तड़प को .....
आसिफा हम शर्मिंदा हैं....
मन्दिर में बेबस बच्ची सामने भगवान को देख सोंचती होगी ,किस गलती की उसे सजा मिल रही है ?
आसिफा तुम्हारी गलती सिर्फ इतनी है कि तुम्हे अल्लाह ने एक गरीब जनजाति परिवार में और वो भी लड़की पैदा किया .....इस पुरुष प्रधान समाज मे हवस मिटाने के काम भी लड़की आती है और राजनीतिक मकसद साधने के काम भी । तुम तो उन दरिदों के दोनों काम आ गई।
हम शर्मिंदा हैं आसिफा....
देखो अब उन बलात्कारियों के समर्थन में तिरंगा यात्रा तक निकल गया वो भी हिन्दू जागरण मंच के बैनर तले और बीजेपी के दो मंत्री के मौजूदगी में , ताकि चार्जशीट दाखिल न होने पाएं। यह बात कितनी घिनौनी है कि इस जघन्य अपराध को भी हिन्दू - मुस्लिम चश्मे से देखा जा रहा है।
चलो अच्छा हुआ कि तुम अल्लाह के पास वापस चली गई। क्या तुम अपने बलात्कारियों के समर्थन में तिरंगा यात्रा को देख पाती ?
मीडिया की उपेक्षा को सह पाती ?
आत्मकेंद्रित लोगो को झेल पाती ?
यहाँ की गन्दी राजनीति को समझ पाती ? और सबसे बड़ी बात धर्म के राजनीतिक इस्तेमाल को तोड़ पाती ?
शायद नही.....
चिन्ता मत करो तुम्हारे जाने के बाद भारत की बेबस जनता भी गंदी राजनीति के इस मकड़जाल से निकल नही पाएगी। क्यों कि मकड़जाल को तोड़ना ज़िन्दा लोगों का काम है यहाँ तो सिर्फ शरीर ज़िन्दा है आत्मा तो मर चुकी है।
इसलिए...हम शर्मिंदा है....आसिफा
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कश्मीर